खेल खेल की जंग है या, हिन्दू मुस्लिम दंगे हैं? न हरा रंग है न है भगवा, देखो ये पूरे नंगे हैं। इन्हें ना ही नफरत, ना ही कुछ पाने की हसरत, जान लिया है मैंने अब तो, बस मानव ही बेढंगे हैं॥ किसने कहा श्रेष्ठ हैं मानव, ये तो सब भिखमंगे हैं। ये तो सब भिखमंगे हैं॥ -- नीरज द्विवेदी
Friday, November 18, 2011
मदुरई का मीनाक्षी मंदिर
Labels:
मदुरई,
मदुरई का मीनाक्षी मंदिर,
मीनाक्षी देवी,
मीनाक्षी मंदिर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteकमाल की तस्वीरें हैं नीरज....... चैतन्य को शुभकामनायें दीं आभार आपका ......
ReplyDeleteek se badh kar ek pics..
ReplyDelete