Monday, August 15, 2011

Way to Waynad, Mysore, Karnataka








3 comments:

  1. प्रिय नीरज द्विवेदी जी अभिवादन ..देवी की और आप की कृपा से आनंद आ गया ..कुछ साथ में लिख तो दें जनाब ..छवियों के बारे में क्या कहाँ की ....कैसे ..जैसे केला एक ही पेड़ का लबादा ...या कार्बाइड का गुण ....
    धन्यवाद
    भ्रमर ५

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  2. सुरेन्द्र जी बहुत सुक्रिया, मैं अगली पोस्ट से ध्यान रखूँगा.

    और चैतन्य जी, आप आते हो तो अच्छा लगता है. आभार

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